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शनिवार की शाम करें ये छोटा सा उपाय, शनि देव के साथ रामभक्त हनुमान भी होंगे प्रसन्न.

दोस्तो धरती पर हाजरा हजूर देवी-देवताओं की बात करें तो सबसे पहले हनुमानजी का नाम आता है। क्योंकि हनुमानजी को अमर देवता होने का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है और वे आज भी पृथ्वी पर निवास करते हैं।

अगर कोई भक्त हनुमान जी की पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करता है तो भक्तों की मदद के लिए बजरंग बली वहां जरूर पहुंचकर भक्तों की मदद करते हैं और भक्त को परेशानियों से मुक्ति दिलाते हैं।

यही कारण है कि हनुमानजी के मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की तुलना में सबसे अधिक भीड़ होती है। अगर आपके भाग्य के सितारे आपको साथ नहीं दे रहे हैं तो आप शनिवार की सुबह पांच से सात बजे के बीच हनुमानजी के लिए कोई उपाय कर सकते हैं, जिससे वह आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते है।तो आइए जानते हैं कि यह उपाय कौनसा है और इसे कैसे किया जाता है।

हनुमानजी की कृपा पाने के लिए शनिवार शाम 5 से 7 बजे के बीच आसपास के किसी भी हनुमानजी मंदिर में जाकर 11 मुखी दीपक जलाना चाहिए। इसके साथ ही आपको हनुमानजी से अपनी इच्छाओं के बारे में बात करनी चाहिए।

साथ ही आपको हनुमानजी के नाम जैसे बजरंग बली, हनुमानजी, रामभक्त, अंजनी पुत्र, मारुति, पवनपुत्र आदि का 108 बार जप करना चाहिए।

इस उपाय को करने से आपकी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। हालांकि आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपको शनिवार को शाम 5 से 7 बजे के बीच इन नामों का जाप करना है, तभी आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे।

अगर आप घर से बाहर कोई काम काम करने जा रहे हैं तो आपको शनिवार की शाम हनुमानजी के मंदिर में जाकर चमेली के तेल और सिंदूर से पवन पुत्र का अभिषेक करना चाहिए।

इस उपाय को करने से आपके काम में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलेगी और आप जिस भी काम को करने घर से बाहर जा रहे हैं उसमें आपको सफलता मिलेगी।

आप शनिवार की शाम पांच से सात बजे की अवधि में हनुमान जी को लाल चोला, गुड़ और चने का प्रसाद अर्पित कर सकते हैं, जिससे हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और भक्त को अच्छा आशीर्वाद मिलता है।

यदि आप उपरोक्त सभी उपायों को सही ढंग से पूरा करते हैं और हनुमानजी के मंदिर में ठीक तरीके से बैठकर 108 बार नीचे दिए गए एक विशेष मंत्र का जाप करके श्री हनुमान चालीसा का सात बार पाठ करते हो तो आपके बंद भाग्य के सितारे खुल जाते हैं और आप धीरे-धीरे उत्तरोत्तर प्रगति कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं की यह मंत्र कौन सा है।

मंत्र :- ‘।। श्री हनुमान मंत्र ।।’
‘।।ऊँ आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर
त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात।।’

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