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आसाम की तरह क्या पिथोरगढ़ में भी योनि स्वरूप में होते है माता कामाख्या के दर्शन?

भारत के नक्शे पर मौजूद उत्तराखंड जिसे पंच केदार पंच बद्री के नाम से जाना जाता है। ऋषि-मुनियों ने इस पवित्र भूमि को अपनी तपोभूमि बनाया। अकाउंट शक्तिपीठों में से एक आसाम का कामाख्या मंदिर जिसके बारे में सभी कोई जानता होगा। दोस्तों आज शाम की तरह पिथोडाग्रह में भी योनि की पूजा होती है।

पिथौरागढ़ एक पवित्र और चमत्कारिक स्थल माना जाता है। पिथौरागढ़ में मौजूद मां कामाख्या का मंदिर बहुत ही चमत्कारिक और पवित्र मंदिर माना जाता है। इस मंदिर में माता कामाख्या की पंचमुखी मूर्ति की पूजा आराधना होती है।। पर्वत पर विराजमान मां कामाख्या का पवित्र मंदिर आज लोगों के लिए आस्था का विषय बन गया है।

मां कामाख्या के संग इस मंदिर में शिव बटुक भैरव गणपति जी और हनुमान जी महाराज विराजमान है। इस पवित्र मंदिर में लक्ष्मी नारायण भगवान भी विराजमान होते हैं। इस पवित्र मंदिर में एक देवी शक्ति का एहसास होता है और इस मंदिर में जाते हैं आपके मन को पवित्रता और शांति मिलती है।

पिथौरागढ़ के इस पहाड़ी मंदिर में कई लाखों श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी करने के लिए आते हैं। और मां कामाख्या सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में जो कोई भी आया वह खाली हाथ नहीं जाता है। 

पिथौरागढ़ के पर्वत पर विराजमान कामाख्या देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भक्ति और आस्था के अलावा कुदरत की मौजूदगी भी शामिल है। चारों तरफ की खूबसूरती यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को दिल छू लेती हैं। 

शहर से बहुत दूर कुदरत को करीब से देखने के लिए पिथौरागढ़ स्थित मां कामाख्या का मंदिर एक पवित्र और चमत्कारिक मंदिर माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पिथौरागढ़ के कामाख्या मंदिर में कई लाखों भक्त अपनी सभी मनोकामना पूर्ण करने के लिए आते हैं।

कुदरती सौंदर्य के बीच बना हुआ यह मंदिर अपने आप में एक पवित्र और चमत्कार है इस मंदिर के दर्शन और पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। माता कामाख्या के दिव्य दर्शन के लिए यहां पर लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।

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