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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रहस्य आज तक विज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रहस्य आज तक विज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए।

महाकालेश्वर धरती पर मौजूद एसा ज्योतिर्लिंग है जिसे आप सामान्य तौर पर देखेंगे तो सामान्य ही दिखेगा। जब आप इस ज्योतिर्लिंग को अंदर से महसूस करेंगे तो आपको यह ज्योतिर्लिंग हिला कर रख देगा। 

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग जीस शहर में स्थित है वहां पर कोई भी राजनेता और राजनीति से जुड़े हुए व्यक्ति रात नहीं रुक  सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार यहां पर मंगल ग्रह का जन्म हुआ था। महाकालेश्वर मंदिर के आसपास वैज्ञानिकों ने शोध किया। 

इस शोध के दरमियान उसको ऐसी चीजें मिली जिनको देखकर उनकी आंखें  फटी रह गई। दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़े कई रहस्य बताने वाले हैं। ओर जिसे सुनके आप भी दंग हो जाएंगे।

शास्त्रों के अनुसार उज्जैन नगरी पवित्र नगरी मानी जाती है। उज्जैन की धरती पर कालों के काल महाकाल बिराजते हैं। शास्त्रों के अनुसार काल के दो अर्थ होते हैं। एक समय और दूसरा मृत्यु। महाकालेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है। 

महाकालेश्वर मंदिर में ज्योतिर्लिंग पर नियमित रूप से सुबह भस्म आरती करके श्रृंगार किया जाता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की आरती के समय महिलाओं को यहां पर घुंघट करना पड़ता है। ऐसा भी कहा जाता है कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की जब भी आरती होती है तो महिलाएं आरती नहीं देख सकती। 

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की आरती के समय यहा के पुजारी भी एक धोती धारण करते हैं। उसके अलावा कोई भी वस्त्र धारण करने की मनाई है। ज्योतिर्लिंग पर चदाई जाने वाली भस्म को प्रसाद के रूप में धारण करने से कई सारे दोष और रोगों से मुक्ति मिलती है। 

दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि गर्भ गृह में मौजूद महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिण मुखी है। शास्त्रों के अनुसार दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उज्जैन का एक ही राजा है और वह है महाकाल दादा।

विक्रमादित्य राजा के शासन के बाद से यहां पर कोई भी राजा रात नहीं रुक सकता। जिसने भी ऐसा दुस्साहस किया है उसकी सत्ता हाथ में से चली गई है। दोस्तों ऐसा माना जाता है कि कोई भी राजनेता और कोई भी राजनीति से जुड़ा हुआ व्यक्ति उज्जैन नगरी में रात नहीं रुक सकता। 

ऐसा माना जाता है कि श्रावण मास में उज्जैन के बाबा महाकाल बाबा श्रावण के हर सोमवार को उज्जैन नगरी में भ्रमण करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन नगरी शिवमय हो जाती है। चारों ओर ओम नमः शिवाय के नारे गूंजते रहते हैं। 

शास्त्रों के अनुसार महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की विधिवत रूप से पूजा आराधना करने से जन्म कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है। वैज्ञानिकों और प्रशासन द्वारा महाकालेश्वर मंदिर के आसपास खुदाई के दरमियान ऐसी रहस्यमई चीजें मिली जिनको देखकर सब हैरान रह गए। 

खुदाई के दरमियान प्राचीन मूर्तियां मिली थी। महाकालेश्वर मंदिर में स्वयं शिव ज्योतिर्लिंग के स्वरूप में बिराजमान है।

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